قدرات كا تحفة
कुदरत का तोहफा
हो के मुक्त आज़ाद पवन में उड़ जाऊ मे
फेलाए अपनी बहे आसमान में खो जाऊ मे
तोड़ दू सारे बंधन
सारे भेदभाव इस समाज के
हो जाऊ आज़द इन फीके रीतिरीवाज़ से
भर लू हर एक ख़ुशी इस श्रीश्ठी मे है जो फेली हुए ....
भर लू हर एक पल जिंदगी
जिन में मे खेले कभी
हो जाऊ इतनी काबिल की न हो कभी किसी की कमी
दिखा दू इस जहान में
मे एक बेटी बन के पली..
Dedicated to all daughters ....angels of there dad and doll of there mom
"Love u Ma Pa"