Monday 24 September 2012



माँ  का आँचल  


माँ अब तो आकर  गले लगा लो 
दूर करो यह रुसवाई 
क्या  अपने बच्चो से दूर हो , कोई माँ चेन से सो पाई 

 

तेरा ही हूँ मै एक अंश 
हू तेरी ही संतान मै माँ 
तेरी ही बिटिया  हु मै 
तेरे रूप का दर्पण माँ 


तेरी ममता की छाव की प्यासी,पली बड़ी हू मै 
है काला साया सा जीवन तेरे बिन ओ मेरी अम्मा 
तेरे  बाहों के घेरे मै क्यों कभी समां पाई मै  ना .
देख हर वो बचपन,मेरा दिल  भी  जला करा 
जब सोती  है माँ लगा अपने बच्चों  को सीने से,और करती  है प्यार  बड़ा 
तब अंधकार भरी काली छाव में चुपके से मै  भी ज़रा सिसक  लेती  हू माँ 

 

क्यों  तू इतने दूर गई,छोड़ मुझको  इस संसार मै 
निष्टूर दुनिया को तूने कैसे मुझको सोप दिया
हर पल तेरे साथ के आभाव तले जीती हू मै 
तेरे दामन के साये से कोसो दूर पल रही हू माँ 
न कोई अपना कहने को,ना  कोई सगा सम्बन्धी 
ये दुनिया तो अधूरी रही मेरे नाम के साथ तू जो न थी  
ये जीवन न जीवन था,बस ममता का आभाव था 
जीवन तो वो होगा जब तेरा मेरा साथ हो!
फिर बनके मेरी  मम्मा वपिस मुझे जीवन देना 
करना इतना प्यार फिर की सारे आभाव मिटा देना!!!







Wednesday 15 August 2012


देश के नाम  

बुलाती  है वो देश के मट्टी 
भीनी  भीनी सोंधी  सी 
कहती है तुम रिड चुकाओ 
ना छोड़ मुझे परदेस जाओ 
करो अपने देश को रोशन 
ना भागो परदेश के संग संग 
है क़र्ज़ मेरा तुझपे 
इसे यू  भूल न जाओ 
अपने भारत वर्ष को उन्नती  की ओर ले जाओ 



















बनो इतने बुलंद 
की देश के काम आ जाओ 
न जो कुछ कर पाओ 
औरो का होसला बड़ाओ
उनमे आगे बड़ने का उत्साह जगाओ 

है ये वो महान  माटी 
जहा कई माँ के लाल समाए 
कर इस देश को आज़ाद इस माटी में सोए 
उनकी शहादत से ही बनता 
है ये देश महान 
जिसे कहते है हम शान से 
"हमारा हिंदुस्तान" 

ना जाओ  इसे छोड़ गेरो के जहान 
ना बाटो  इसे अनेक खंड मे 
बनाओ हर जाती हर एक वर्ग सामान 
है ये हमारा हिंदुस्तान 
जहा गूंजती  एक साथ "गीता कुरान"


शिल्पा अमरया                                                         

Thursday 21 June 2012




बीती यादें  

हू मे आसमानो का फ़रिश्ता 
थोडा अल्हड, थोडा मनचला  
उड़ा रस्ते की धूल हवा मे
बहता चला मस्त पवन मे 
उड़ने भरने नई चाहत को 
करने पावन अपने आँगन को  
हो के मस्त बावरा मन 
बह चला खुवाबो के संग 
था बहुत खुशनुमा मौसम 
मस्ती से अठखेलिय भरना
लड़ना झगड़ना शेतानिया  करना 
दोस्ती में था सिमटा जीवन ऐसा था वो खो चुका बचपन
बीत गया प्यार भरा लड़कपन  
चला दौर कारवा का फिर , बड़ा आगे खाबो के संग 
आया था एक और मौसम 
बीती धुंदली यादो के संग 
होती  थी यहाँ सुबह सुहानी , हर शाम थी बेगानी 
थे होसले बहुत बुलंद  
करनी थी दुनिया मुठी मे बंद 
पा  अपने होसलो को चढ़े बुलंदियों पे भर दम 
कर माँ पापा का नाम रोशन बीत गया वो सुन्हेरा पल
 फिर बह चला ख्वाबो के संग 
अब आया था मौसम यौवन 
प्यार से भरा था अब जीवन  
हँसना  रोना सब था संग संग  
हर पल साथ रहना ही था जीवन 
रंगों भरा था अब हर पल 
कसमे वादों का दौर चला 
जिंदगी भर साथ रहने का वादा रहा  
जेसे हर दौर का अंत हुआ  
ये मौसन भी लुप्त हुआ 
खो गए सब वादे ..,वो कसमे ,न साथ छोड़ने के इरादे 
ये सपना तो चूर हो गया 


उसकी दस्तक ,उसका साया सब काफूर हो गया 
फिर चल पड़ा है जीवन 
भरने यादो को अपने संग 

 बीती यादो के संग संग।
शिल्पा अमरया 

Saturday 9 June 2012

Kudrat ka tohfaa...: Aasmano meआसमान के परिंदे   कुछ रिश्ते बनते ह...

Kudrat ka tohfaa...: Aasmano me
आसमान के परिंदे 
 कुछ रिश्ते बनते ह...
: Aasmano me आसमान के परिंदे    कुछ रिश्ते बनते है आसमान मे कुछ हम धरा पे बनाते है कुछ हो जाते है दिल के पास इतने कुछ हमेश...
Aasmano me
आसमान के परिंदे 

  कुछ रिश्ते बनते है आसमान मे

कुछ हम धरा पे बनाते है

कुछ हो जाते है दिल के पास इतने

कुछ हमेशा के लिए साथ छोड़ जाते है

कुछ भर देते है दामन खुशियों से इतना

की हर लम्हा संजोना चाहते है

कुछ भर आँखों में आसू

जिंदगी भर का गम दे जाते है

मीठी यादो में खोने को

इतने लम्हे रह जाते है


बीती बातो से उबरना ,चेहकना और सवरना

सिर्फ सपनो से बनजाते है

कुछ साथ होके भे साथ नही देते

वो न टूटे टूटते रिश्ते दिल में चुभ जाते है

क्यों आते है जीवन में भरने रंग

जब साथ छोड़ जाते है 

क्यों आते है संग संग

जब लुप्त ही हो जाते है

क्यों दिखाते है अपनापन

जब अपनों को तडपते है ..

फिर लगता है हम क्यों रिश्ते खुद बनाते है

सब रिश्ते आसमान से क्यों नहीं बन के आते है

   शिल्पा अमरया 

Monday 7 May 2012

قدرات كا تحفة

कुदरत का तोहफा 

हो के मुक्त आज़ाद पवन में उड़ जाऊ मे 
फेलाए  अपनी  बहे आसमान  में खो जाऊ मे 
तोड़ दू सारे बंधन 
सारे  भेदभाव  इस समाज के 
हो जाऊ आज़द इन फीके रीतिरीवाज़ से 
भर लू हर एक ख़ुशी इस श्रीश्ठी मे है जो फेली हुए ....
भर लू हर एक पल जिंदगी    
जिन में  मे खेले कभी 
हो जाऊ इतनी काबिल की न हो कभी किसी की कमी 
दिखा दू इस जहान में 
मे एक बेटी बन के पली..
Dedicated  to all  daughters ....angels of there dad and doll of  there mom 
"Love u  Ma Pa"

                                                                  Shilpa Amarya