Saturday 9 June 2012

Aasmano me
आसमान के परिंदे 

  कुछ रिश्ते बनते है आसमान मे

कुछ हम धरा पे बनाते है

कुछ हो जाते है दिल के पास इतने

कुछ हमेशा के लिए साथ छोड़ जाते है

कुछ भर देते है दामन खुशियों से इतना

की हर लम्हा संजोना चाहते है

कुछ भर आँखों में आसू

जिंदगी भर का गम दे जाते है

मीठी यादो में खोने को

इतने लम्हे रह जाते है


बीती बातो से उबरना ,चेहकना और सवरना

सिर्फ सपनो से बनजाते है

कुछ साथ होके भे साथ नही देते

वो न टूटे टूटते रिश्ते दिल में चुभ जाते है

क्यों आते है जीवन में भरने रंग

जब साथ छोड़ जाते है 

क्यों आते है संग संग

जब लुप्त ही हो जाते है

क्यों दिखाते है अपनापन

जब अपनों को तडपते है ..

फिर लगता है हम क्यों रिश्ते खुद बनाते है

सब रिश्ते आसमान से क्यों नहीं बन के आते है

   शिल्पा अमरया 

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