Aasmano me
आसमान के परिंदे
कुछ रिश्ते बनते है आसमान मे
कुछ हम धरा पे बनाते है
कुछ हो जाते है दिल के पास इतने
कुछ हमेशा के लिए साथ छोड़ जाते है
कुछ भर देते है दामन खुशियों से इतना
की हर लम्हा संजोना चाहते है
कुछ भर आँखों में आसू
जिंदगी भर का गम दे जाते है
मीठी यादो में खोने को
इतने लम्हे रह जाते है
बीती बातो से उबरना ,चेहकना और सवरना
सिर्फ सपनो से बनजाते है
कुछ साथ होके भे साथ नही देते
वो न टूटे टूटते रिश्ते दिल में चुभ जाते है
क्यों आते है जीवन में भरने रंग
जब साथ छोड़ जाते है
क्यों आते है संग संग
जब लुप्त ही हो जाते है
क्यों दिखाते है अपनापन
जब अपनों को तडपते है ..
फिर लगता है हम क्यों रिश्ते खुद बनाते है
सब रिश्ते आसमान से क्यों नहीं बन के आते है
शिल्पा अमरया
Badiya bahot badiya....
ReplyDelete@ vick
Deletethanks a lot for likeing..:)))))
there has been so much feelings in ur poems.. luv thm all :)
ReplyDeletethanks pankaj..:))
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