Monday 1 December 2014

एक भ्रम 
कुछ पाना चाहते है हम 
कुछ खोके भी ना है ग़म 
कुछ पाके भी है कम कम!! 
ये है जीवन 
तेरे मेरे आस्तित्व का दर्पण .

कुछ अपना है ! कुछ सपना है !!
कुछ सपना मेरा अपना है !
कुछ सपने छूने की  चाह में 
बिछड़ गया वो बचपन 
ये है जीवन! 
तेरे मेरे बचपन का परचम !!













कुछ ख़ुशी छुपी है मुझमे कही !
कही  छुपी है  मेरी  चुप्पी!! 
किसी  की चुपके से देख हँसी !! हो जाता है मन पावन!!
ये है जीवन !
तेरी मेरी खुशियो का यौवन 

कोई  साथ है मेरे जीवन मरण!
कोई साथ है बस एक षड 
कोई भीड़ के कोनो में भी !! बस देते है खालीपन 
ये है जीवन !
तेरे मेरे साथ का एक भरम!!


ये है जीवन 
तेरे मेरे आस्तित्व का दर्पण 
तेरे मेरे बचपन का परचम 
तेरी मेरी खुशियो का योवन 
तेरे मेरे साथ का बस "एक भ्रम "
बस एक भ्रम !!
 शिल्पा अमरया