Tuesday 18 August 2015

जो तुम आते हो !!


मेरी सोच में जो तुम रहते हो
मुझसे जब जब कहते हो
मेरे दिल में तुम रहती हो
मेरी सासो मे महकती हो
बन के ज्योति मेरी आँखों की
मेरे जीवन में चमक भर्ती हो


मेरे मन में जो तुम बस्ते हो
हर बात समझ जाते हो
बिन बोले मेरे शब्दों को
स्याही बन कलम की !! नगीना सा उभरते हो
















मेरे ख्वाबो में जो तुम आते हो
मै जो सुनना चाहती हू !! वो कह जाते हो !
बन कर शहज़ादा  मेरा
मुझसे प्यार जताते हो !!
मुझको अपना बोल कर
बावरा कर जाते हो !


मेरी यादो में जो तुम आते हो!!
मुझे कितना सताते हो
न कहते हो कुछ जी भर!!
पर बेरुखी दिखाते  हो
मुँह फेर कर मुझसे
मीलो दूर नज़र आते हो !!



Tuesday 21 April 2015

कभी कभी 

कभी कभी दिल में' मेरे, एक ख्याल आता है !
क्या तू ही है जो छुप के मेरी धुन गुनगुनाता है
अब से पहले बेरंग सी थी मेरी ज़िन्दगी
क्या तू ही है जो चमकीले रंग उडाता है !!

कभी कभी दिल में मेरे , एक ख्याल आता है!
ज़हन में थे तो हज़ारो अलफ़ाज़
क्या तू  ही है  जो कविता बन, कागज़ पे छाता है
मेरे ख्वाबो की दुनिया मै शब्दों की वाणी दे जाता है

कभी कभी दिल में मेरे, एक ख्याल आता है !
अब तक सपनो में रहता था तू कही !!
क्या तू ही है जो हर रोम महकता है
मेरी साँसों को , धड़कन को
एक मुस्कान से धड़कता है
















कभी कभी दिल में मेरे, एक ख्याल आता है !
अब तक आसमान में थे सितारे अनेक
क्या तू ही है। .... जो मेरा चाँद बन जाता है!
चमकते तारो की भीड़ मै भी।
अलग जगमगाता है !!

कभी कभी मेरे दिल में ,
एक ख्याल आता है
क्या तू है जो फूलो की बरसात लता है
सूखे सारे उपवन में
महक भर जाता है!!
फूलो की पगडण्डी में भंवरा बन फहराता है

कभी कभी मेरे दिल में
एक ख्याल आता है क्या तू ही है
जो मेरे ख्वाबो में आता है
मेरे ख्वाबो में आता है !!


शिल्पा अमरया