कभी कभी
कभी कभी दिल में' मेरे, एक ख्याल आता है !क्या तू ही है जो छुप के मेरी धुन गुनगुनाता है
अब से पहले बेरंग सी थी मेरी ज़िन्दगी
क्या तू ही है जो चमकीले रंग उडाता है !!
कभी कभी दिल में मेरे , एक ख्याल आता है!
ज़हन में थे तो हज़ारो अलफ़ाज़
क्या तू ही है जो कविता बन, कागज़ पे छाता है
मेरे ख्वाबो की दुनिया मै शब्दों की वाणी दे जाता है
कभी कभी दिल में मेरे, एक ख्याल आता है !
अब तक सपनो में रहता था तू कही !!
क्या तू ही है जो हर रोम महकता है
मेरी साँसों को , धड़कन को
एक मुस्कान से धड़कता है
कभी कभी दिल में मेरे, एक ख्याल आता है !
अब तक आसमान में थे सितारे अनेक
क्या तू ही है। .... जो मेरा चाँद बन जाता है!
चमकते तारो की भीड़ मै भी।
अलग जगमगाता है !!
कभी कभी मेरे दिल में ,
एक ख्याल आता है
क्या तू है जो फूलो की बरसात लता है
सूखे सारे उपवन में
महक भर जाता है!!
फूलो की पगडण्डी में भंवरा बन फहराता है
कभी कभी मेरे दिल में
एक ख्याल आता है क्या तू ही है
जो मेरे ख्वाबो में आता है
मेरे ख्वाबो में आता है !!
शिल्पा अमरया
nice one
ReplyDeleteThanks a lot..:)
DeleteThoughtful.. Good work :)
ReplyDeleteThanku so much.. :)
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