एक भ्रम
कुछ पाना चाहते है हम
कुछ खोके भी ना है ग़म
कुछ पाके भी है कम कम!!
ये है जीवन
तेरे मेरे आस्तित्व का दर्पण .
कुछ अपना है ! कुछ सपना है !!
कुछ सपना मेरा अपना है !
कुछ सपने छूने की चाह में
बिछड़ गया वो बचपन
ये है जीवन!
कुछ ख़ुशी छुपी है मुझमे कही !
कही छुपी है मेरी चुप्पी!!
किसी की चुपके से देख हँसी !! हो जाता है मन पावन!!
ये है जीवन !
तेरी मेरी खुशियो का यौवन
कोई साथ है मेरे जीवन मरण!
कोई साथ है बस एक षड
कोई भीड़ के कोनो में भी !! बस देते है खालीपन
ये है जीवन !
तेरे मेरे साथ का एक भरम!!
ये है जीवन
तेरे मेरे आस्तित्व का दर्पण
तेरे मेरे बचपन का परचम
तेरी मेरी खुशियो का योवन
तेरे मेरे साथ का बस "एक भ्रम "
बस एक भ्रम !!
awesome poem :) :) :)
ReplyDeleteThanks a ton..
ReplyDeletehappy to receive your comment. :)
keep visiting my blog.
stay blessed!
Thanks Shilpa for writing such a wonderful poem.... Keep writing keep motivating.....
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