बीती यादें
हू मे आसमानो का फ़रिश्ता
थोडा अल्हड, थोडा मनचला
उड़ा रस्ते की धूल हवा मे
बहता चला मस्त पवन मे
उड़ने भरने नई चाहत को
करने पावन अपने आँगन को
हो के मस्त बावरा मन
बह चला खुवाबो के संग
था बहुत खुशनुमा मौसम
मस्ती से अठखेलिय भरना
लड़ना झगड़ना शेतानिया करना
दोस्ती में था सिमटा जीवन ऐसा था वो खो चुका बचपन
बीत गया प्यार भरा लड़कपन
चला दौर कारवा का फिर , बड़ा आगे खाबो के संग
आया था एक और मौसम
बीती धुंदली यादो के संग
होती थी यहाँ सुबह सुहानी , हर शाम थी बेगानी
थे होसले बहुत बुलंद
करनी थी दुनिया मुठी मे बंद
पा अपने होसलो को चढ़े बुलंदियों पे भर दम
कर माँ पापा का नाम रोशन बीत गया वो सुन्हेरा पल
फिर बह चला ख्वाबो के संग
अब आया था मौसम यौवन
प्यार से भरा था अब जीवन
हँसना रोना सब था संग संग
हर पल साथ रहना ही था जीवन
रंगों भरा था अब हर पल
कसमे वादों का दौर चला
जिंदगी भर साथ रहने का वादा रहा
जेसे हर दौर का अंत हुआ
ये मौसन भी लुप्त हुआ
खो गए सब वादे ..,वो कसमे ,न साथ छोड़ने के इरादे
ये सपना तो चूर हो गया
उसकी दस्तक ,उसका साया सब काफूर हो गया
फिर चल पड़ा है जीवन
भरने यादो को अपने संग
बीती यादो के संग संग।
शिल्पा अमरया