वारी जावा
है पास पास कुछ इतना ख़ास
हर सुबह छुपाती रातो के राज़
वो डूबी शाम
सब तेरे नाम
वो महका महका पवन का अंजाम
वो भीनी सी है खुशबू तेरी
मदहोशी भरी तेरी हँसी
तू साया है अत्तीत का
तू उड़ता धुआ मनमीत का
तू वन भी है कुछ घना घना
उपवन भी है रंगो भरा
तू है दिन उत्साह का
और ढलती शाम कुछ दबा दबा
तू शृष्टि है सिमटी हुई
तू सैलाब मन में उठता कही
तू रूह को पहचान मिली
अब मुस्कान छुपाती राज़ कही
तू शक्ति है जीवित कही
तू भक्ति है इस प्रीत की
हर रीत की
मनमीत की
तू भक्ति है इस प्रीत की