मीरा का श्याम
मेरा राम तू! है श्याम तू!
है मेरा अभिमान तू
मूरत है तू एक दिव्य सी
सूरत है तू कुछ मुक्त सी
है मेरी रीत
है मेरी प्रीत
है मेरी हर एक चाह तू
है मॊह तेरे हर भाव से
है प्रीत तेरी छाव से
तुझ में रमी सुध बुध मेरी!
माना तुझे ईश्वर सभी!
नटखट जब लड्डू गोपाल है तू
जब हो ज्ञानी मनो विष्णु अवतार तू !
संयम और सब्र तेरी
स्वयं प्रभु राम ने दी
रूप और रंग में कुबेर की छाया पडी!!
है देख हर एक रूप तेरा
बावरी में हो गई !
तेरी भक्ति में लीन , भोर से सांझ मेरी
तेरी आराधना में बह रही रोम रोम मेरी छवी
तेरी ही मूरत को माना मैंने जिंदगी
तेरी ही यादों से मेरी अटूट बंदगी
तुझ को माना है श्याम !! बन गई मीरा तेरी !!
शिल्पा अमरया
Simply superb
ReplyDeleteAll the words which u used r placed on their perfect place n makes every line magical
Hats off
Keep it up