Tuesday 18 August 2015

जो तुम आते हो !!


मेरी सोच में जो तुम रहते हो
मुझसे जब जब कहते हो
मेरे दिल में तुम रहती हो
मेरी सासो मे महकती हो
बन के ज्योति मेरी आँखों की
मेरे जीवन में चमक भर्ती हो


मेरे मन में जो तुम बस्ते हो
हर बात समझ जाते हो
बिन बोले मेरे शब्दों को
स्याही बन कलम की !! नगीना सा उभरते हो
















मेरे ख्वाबो में जो तुम आते हो
मै जो सुनना चाहती हू !! वो कह जाते हो !
बन कर शहज़ादा  मेरा
मुझसे प्यार जताते हो !!
मुझको अपना बोल कर
बावरा कर जाते हो !


मेरी यादो में जो तुम आते हो!!
मुझे कितना सताते हो
न कहते हो कुछ जी भर!!
पर बेरुखी दिखाते  हो
मुँह फेर कर मुझसे
मीलो दूर नज़र आते हो !!



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